लेखनी कहानी -14-Sep-2023
चटनी रोटी खाने वाली तू अंग्रेजी से क्या खाकर लड़ेगी ? ऐ हिंदी , अपनी औकात में रह , क्या अब तू सिर पर चढ़ेगी ?
कहां महारानी और कहां दासी कहां रबड़ी और कहां राबड़ी बासी तुझे तो दे दी थी हमने कब की फांसी अब क्या कब्र में से हुंकार भरेगी ? ऐ हिंदी , अपनी औकात में रह क्या अब तू सिर पर चढ़ेगी ?
जलील करने हेतु तेरे वस्त्र हमने ही तो फाड़े थे उर्दू अंग्रेजी पोत तेरे अवयव हमने ही बिगाड़े थे अंग्रेजी की गुलामी में हमने ही बजाये नगाड़े थे क्या तू उन अत्याचारों को भूल सकेगी? ऐ हिंदी , अपनी औकात में रह क्या अब तू सिर पर चढ़ेगी ?
माना कि तेरे चाहने वाले अब गद्दी पर बैठे हैं पर खानदानी लोग तो अब भी तुझसे ऐंठे हैं सम्मान के नाम पर दिखाए तुझे सिर्फ अंगूठे हैं अब क्या तिगनी का नाच नचेगी? ऐ हिंदी , अपनी औकात में रह क्या अब तू सिर पर चढ़ेगी ?
श्री हरि 14.9.23